अखिल भारतवर्षीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा का इस बार संवैधानिक चुनाव के बाद नेतृत्वकर्ता का स्वरूप कैसा होगा?
चंद्रवंशी एकता जिंदाबाद होगा,
या
फिर चंद्रवंशी पूर्व के भाति चंद लोगों के निजी स्वार्थ के कारण टुकड़े-टुकड़े खेमो में बटा रहेगा?

महासभा का स्वरूप पॉलिटिकल होगा या ननपॉलिटिकल होगा?

युवा शक्ति, नारी शक्ति और सामाजिक कार्यकर्ता आगे आएगे
या
फिर यह नारा केवल सोशल मीडिया, चौक चौराहे और चाय पान की दुकान में ही सिमट कर रह जाएगा?

क्योंकि महासभा में कोई भी बदलाव लाने के लिए इससे संवैधानिक रूप से जुड़ना होगा इसका सदस्य बनना होगा?

क्या आप महासभा का अब तक सदस्य बने हैं, अगर नहीं बने हैं तो,
15 दिसंबर 2021 के पूर्व सदस्य बने और महासभा में मनचाहा बदलाव लाए!

याद रहे ,
महासभा में इस बार नेतृत्वकर्ता का चंद लोगों द्वारा सिलेक्शन नहीं, बलिक आम लोगों द्वारा इलेक्शन होगा?

दुनिया के चंद्रवंशी एक होगा या फिर टुकड़े टुकड़े गैंग में बटा रहेगा?

चुनाव समिति
अखिल भारतवर्षीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा!

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मगध सम्राट जरासंध जी के संदर्भ में भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में गलत टिप्पणी करना निंदनीय है! संपूर्ण भारतवर्ष के चंद्रवंशी समाज इसका घोर निंदा करते हैं और भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और कानून मंत्री से यह मांग करते हैं कि देश के करोड़ों चंद्रवंशीओ के भावना को कद्र करते हुए सम्राट जरासंध के संदर्भ में किए गए गलत टिप्पणी को अटॉर्नी जनरल वापस ले नहीं तो इनके विरोध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए !इन्हें बर्खास्त किया जाए !सम्राट जरासंध जाली नोट और भ्रष्टाचार के प्रतीक नहीं थे ! सम्राट जरासंध मजबूत इरादे वाले अपने वचन के पक्के महान शिव भक्त थे ! जो भी मानव के रूप में जन्म लिया है उससे एक दिन मरना होगा! पर सम्राट जरासंध इतने सौभाग्यशाली थे कि भगवान श्री कृष्ण के युक्ति से उनको मुक्ति मिली!