सेवा में,
माननीय कला एवं संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
भारत सरकार
नई दिल्ली!

विषय- भारत के प्रथम चक्रवर्ती मगध सम्राट जरासंध जी का राजगीर बिहार स्थित, ऐतिहासिक धरोहर जरासंध अखाड़ा का बदहाली एवं मिटते अस्तित्व को सरंक्षित करने, एवं पर्यटकों को बढ़ावा देने हेतु सौंदर्यीकरण एवं यथा संभव सुविधा उपलब्ध कराने के संदर्भ में प्रार्थना पत्र!

महोदय,
उपरोक्त संदर्भ में आपका ध्यान आकृष्ट कराते हुए सादर निवेदन करना चाहूंगा कि,
( 1)महाभारत कालीन विश्व प्रसिद्ध यह ऐतिहासिक धरोहर भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन है!
(2) धर्म ग्रंथों के अनुसार इस विश्व प्रसिद्ध भारत के प्रथम चक्रवर्ती सम्राट अखाड़े का बहुत बड़ा ही महत्व रहा है परंतु देखरेख के अभाव में इसका अस्तित्व मिटते जा रहा है!
(3) इस ऐतिहासिक धरोहर अखाड़ा से करोड़ों लोगों का जन भावना जुड़ा हुआ है !मगध साम्राज्य के वासियों एवं विशेषकर देश के करोड़ों चंद्रवंशीयों के भावना से जुड़ा विषय है!
(3) इससे विश्व प्रसिद्ध अखाड़ा के अलावे अन्य कई महाभारत कालीन सम्राट जरासंध से जुड़ा धरोहर राजगीर (मगध )बिहार में आज भी विराजमान है जो महाभारत कालीन घटनाओं को ऐतिहासिक महत्त्व प्रदान कराता है!
(4) महाभारत कालीन विश्व प्रसिद्ध अखाड़ा को देखने के लिए आज भी काफी संख्या में श्रद्धालु वहां जाते हैं ! परंतु अखाड़ा के नजदीक सुरक्षा घेरा, साफ-सफाई ,प्रकाश एवं नागरिक सुरक्षा एवं सुविधा की व्यवस्था नहीं होने के चलते श्रद्धालुओं को बहुत निराशा और परेशानी का सामना करना पड़ता है!
(5) इतिहासिक प्रसिद्ध अखाड़े एवं मगध साम्राज्य के धरोहरों का , बदहाली से जन भावना आहत हो रहा है और सरकार के प्रति आम लोगों में निराशा एवं आक्रोश की भावना बलवती हो रही है!
(6) पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को कई बार इस ओर ध्यान आकृष्ट विभिन्न स्तरों से कराया गया परंतु दुर्भाग्य है की वे इस ओर गंभीर नहीं हैं!
(7) बिहार सरकार की ओर से भी समय-समय पर पुरातत्व विभाग को इस संदर्भ में ध्यान आकृष्ट कराया जाता रहा है परंतु पुरातत्व विभाग इस ओर गंभीर नहीं रहा है!
(8) बिहार सरकार ने तो कई अवसरों पर पुरातत्व विभाग से यह आग्रह किया है कि अगर पुरातत्व विभाग के पास कोई परेशानी है तो वह राज्य सरकार को सुपुर्द कर दें ताकि उस की समुचित व्यवस्था किया जा सके!
(9) भारत के वर्तमान सरकार की ओर देशवासियों की बहुत बड़ी आस्था है कि हमारे जो भी ऐतिहासिक धरोहर हैं उसके सुरक्षा एवं संरक्षण के साथ उसका विकास होगा परंतु विश्व प्रसिद्ध और बिहार के मगध साम्राज्य के प्रति पुरातत्व विभाग की लापरवाही के कारण सरकार के प्रति आम लोगों में असंतोष बढ़ने की सम्भावना है!
(10) इस विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहर के समीप नागरिक सुरक्षा एवं सुविधा प्रकाश और सुलभ रास्ता की व्यवस्था सरकार की ओर से किया जाना चाहिए था लेकिन आज आजादी के 75 वर्षों तक मे भी बिहार सरकार और पुरातत्व विभाग चंद्रवंशियीं और मगध वासियों के भावनावों के विपरीत भारत के आन बान शान प्रथम चक्रवर्ती सम्राट जरासंघ के करोडो वंसजों के भावनावों के विपरीत कोई भी ठोस कार्य नहीं किया जा सका है जिससे करोडो चंद्रवंशी समाज के लोग ठगा सा महसूस कर रहे है और यह करोडो चंद्रवंशी समाज के साथ अपमान के सामान है!
(11) जरासंघ अखाडा एक ऐतिहासिक स्मारक और अस्तित्व है जिससे इतिहासकारों के लिए तथा रिसर्च छात्रों के लिए पुरातत्व विभाग की अहम भूमिका होती है जिसे संभवतः पूर्ण करने मे कहीं न कहीं पुरातत्व विभाग लापरवाह और उदासीन रहा है |
(12): विदेशों से सैलानी बौद्ध धर्म और महाभारत कालीन स्मारक को दर्शन हेतु भी मगध आते रहते है,परन्तु धरोहर जर्ज़र होने और व्यवस्था अच्छा नहीं होने के कारण भारत की छवि ख़राब हो रही है!

   अत: उपरोक्त बिंदुओं पर सहानुभूति पूर्वक ध्यान देते हुए, महाभारत कालीन  भारत के प्रथम चक्रवर्ती मगध सम्राट जरासंध अखाड़ा का  जर्ज़र हो रहे तथा मिटते अस्तित्व को बचाने हेतु  जरासंघ अखाड़ा के चारों तरफ सुरक्षा घेरा, साफ सफाई, प्रकाश की व्यवस्था ,देसी विदेशी सैलानियों के लिए शौचालय पीने की पानी एवं सौंदर्यीकरण हेतु यथासंभव सरकार की ओर से व्यवस्था कराने की कृपा  की जाय!

सरकार की इस पहल से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और सरकार के प्रति जो निराशा फैल रही है उससे चंद्रवंशी समाज और मगध के लोगों के भावनायें आहत हुई है उसे दूर किया जा सकेगा और भारत की प्रतिष्ठा सम्बल किया जा सकेगा! साथ ही पर्यटन उद्योग विकसित होकर देश को काफी मात्रा में राजस्व भी प्राप्त कराएगी एवं सबसे महत्वपूर्ण है की महाभारत कालीन भारत के वंसजो यथा : जरासंध अखाड़ा जैसे, ऐतिहासिक धरोहरों को संजोया जा सकेगा और इसके मिटते अस्तित्व को बचाया जा सकेगा!
विदित हो कि अखिल भारतवर्षीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा ने सभी संबंधितो का ध्यानाकर्षण है तू दिनांक 23 फरवरी 2023 को जंतर मंतर नई दिल्ली में सत्याग्रह करने का निर्णय लिया है!

          विश्वास भाजक
          (अशोक आजाद  ) 
           राष्ट्रीय अध्यक्ष 
अखिल भारत वर्षीय चंद्रवंशी छत्रिय महासभा

प्रतिलिपि: 01: माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार को सादर समर्पित| 02: माननीय केंद्रीय गृह मंत्री भारत सरकार को सादर समर्पित | 03: :मुख्यमंत्री बिहार सरकार की सेवा मे सादर समर्पित |04:उप मुख्यमंत्री बिहार सरकार की सेवा मे सादर समर्पित 05:माननीय श्री दीपक प्रकाश, सांसद (राज्यसभा) सह
प्रदेश अध्यक्ष ,झारखंड प्रदेश
भारतीय जनता पार्टी!

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मगध सम्राट जरासंध जी के संदर्भ में भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में गलत टिप्पणी करना निंदनीय है! संपूर्ण भारतवर्ष के चंद्रवंशी समाज इसका घोर निंदा करते हैं और भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और कानून मंत्री से यह मांग करते हैं कि देश के करोड़ों चंद्रवंशीओ के भावना को कद्र करते हुए सम्राट जरासंध के संदर्भ में किए गए गलत टिप्पणी को अटॉर्नी जनरल वापस ले नहीं तो इनके विरोध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए !इन्हें बर्खास्त किया जाए !सम्राट जरासंध जाली नोट और भ्रष्टाचार के प्रतीक नहीं थे ! सम्राट जरासंध मजबूत इरादे वाले अपने वचन के पक्के महान शिव भक्त थे ! जो भी मानव के रूप में जन्म लिया है उससे एक दिन मरना होगा! पर सम्राट जरासंध इतने सौभाग्यशाली थे कि भगवान श्री कृष्ण के युक्ति से उनको मुक्ति मिली!