दुनिया के चंद्रवंशी एक हो

तरकस में तीर रखकर समझौता की बात करना बेईमानी?

देश के चंद्रवंशी एक हो ,
महासभा से गुटबाजी समाप्त हो!
इसको लेकर फिलहाल अभियान तेज हो गया है !

जो चंद्रवंशीयों और महासभा के लिए अच्छा शुभ संकेत है !

इस काम और प्रयास में जुड़े सभी व्यक्ति और समूह बधाई के पात्र हैं!

आज श्रमिक दिवस है
संकल्प दिवस है

क्या आज के दिन हमारे समाज के क्रांतिकारी योद्धागान
जो अलग-अलग चन्द्रवंशीओं के नाम पर संगठन बनाकर रखे हैं

क्या आज उसका विघटन कर एकीकरण के साथ जुड़ने की घोषणा करेंगे?
अगर ऐसा करते हैं तो
एक मिसाल साबित होग

और चंद्रवंशीयो की एकता के दिशा में उनके द्वारा किया गया यह प्रयास
मील का पत्थर साबित होगा?
अन्यथा
उनके द्वारा दिया गया यह नारा
दुनिया के चंद्रवंशी एक हो ,
महासभा से गुटबाजी समाप्त हो!

एक डपोरशनखी नारा होगा?
तरकस मैं तीर रखकर समझौता की बात करने जैसा होगा?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

मगध सम्राट जरासंध जी के संदर्भ में भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में गलत टिप्पणी करना निंदनीय है! संपूर्ण भारतवर्ष के चंद्रवंशी समाज इसका घोर निंदा करते हैं और भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और कानून मंत्री से यह मांग करते हैं कि देश के करोड़ों चंद्रवंशीओ के भावना को कद्र करते हुए सम्राट जरासंध के संदर्भ में किए गए गलत टिप्पणी को अटॉर्नी जनरल वापस ले नहीं तो इनके विरोध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए !इन्हें बर्खास्त किया जाए !सम्राट जरासंध जाली नोट और भ्रष्टाचार के प्रतीक नहीं थे ! सम्राट जरासंध मजबूत इरादे वाले अपने वचन के पक्के महान शिव भक्त थे ! जो भी मानव के रूप में जन्म लिया है उससे एक दिन मरना होगा! पर सम्राट जरासंध इतने सौभाग्यशाली थे कि भगवान श्री कृष्ण के युक्ति से उनको मुक्ति मिली!