गुटबाजी के नकारे विना महासभा एकीकरण संभव नहीं?

अखिल भारतवर्षीय चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा में 2015 से गुटबाजी चल रहा है ,उसको समाप्त करना है तो
उनके द्वारा चलाया जा रहा है सारे कार्यक्रमों का बहिष्कार करना पड़ेगा, तभी एकीकरण संभव है!
डॉक्टर प्रेम कुमार जी के द्वारा
सदस्यता अभियान प्रारंभ किया गया, जो महासभा के संविधान के अनुसार सरासर गलत है।
इनका कार्यकाल 2017 में ही समाप्त हो चुका है।
कोर्ट से इन्होंने चुनाव कराने का परमिशन भी मांगा था, कोर्ट में चुनाव कराने का परमिशन भी 2017 में दिया था लेकिन इस शर्त के साथ की बिना कोर्ट के अनुमति के, आप चुनाव परिणाम की घोषणा नहीं करेंगे और ना ही यह चुनाव लागू माना जाएगा। परंतु आज तक इन्होंने कोर्ट को कोई सूची नहीं दिया और ना ही कोर्ट ने ने किसी तरह के अनुमति दी है।
फिर भी फर्जी ढंग से सदस्यता अभियान चलाकर चंद्रवंशीयो को गुमराह करते चला रहे हैं।
अगर सभी चंद्रवंशी महासभा में एकीकरण चाहते हैं तो इनके द्वारा जो सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है उसे नकारना होगा।
इनके लोगों से स्पष्ट पूछना होगा कि आपका संविधान के अनुसार कार्यकाल समाप्त हो गया है?
अगर आपके पास कोर्ट का परमिशन है तो दिखाएं?
अन्यथा वापस जाएं।
कोर्ट का आदेश संलग्न कर रहा हूं।
एकीकरण टीम
चंद्रवंशी क्षत्रिय महासभा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

मगध सम्राट जरासंध जी के संदर्भ में भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में गलत टिप्पणी करना निंदनीय है! संपूर्ण भारतवर्ष के चंद्रवंशी समाज इसका घोर निंदा करते हैं और भारत के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति और कानून मंत्री से यह मांग करते हैं कि देश के करोड़ों चंद्रवंशीओ के भावना को कद्र करते हुए सम्राट जरासंध के संदर्भ में किए गए गलत टिप्पणी को अटॉर्नी जनरल वापस ले नहीं तो इनके विरोध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए !इन्हें बर्खास्त किया जाए !सम्राट जरासंध जाली नोट और भ्रष्टाचार के प्रतीक नहीं थे ! सम्राट जरासंध मजबूत इरादे वाले अपने वचन के पक्के महान शिव भक्त थे ! जो भी मानव के रूप में जन्म लिया है उससे एक दिन मरना होगा! पर सम्राट जरासंध इतने सौभाग्यशाली थे कि भगवान श्री कृष्ण के युक्ति से उनको मुक्ति मिली!